Yaad
तेरी यादों को सीने से लगाए बेठें है,
जब आते है आंसू तो उन्हें भी छुपाये बेठें है।
ज़ीधर भी देखता हूँ तनहाई ही तनहाई नज़र आती है,
आपके इंतजार में हर शाम खामोश गुजर जाती है।
ये पल है तन्हाई के मेरे दील में ,
ये आंसू है जुदाई के मेरी आंखो में ।
आप क्या जानो कीस बेबसी से जीता हूँ ,
तुम्हारी जुदाई का जहेर हर रोज़ पीता हूँ ।
प्यार करने वाले को सताना अच्छी बात नही,
अपनी यादों को बार बार भेज देना अच्छी बात नही ।
प्यार कीया है अगर, तो ज़माने से डरना नही !
दील दूखा के कहते हो, रोना नही ।
दुनीया में है कीतनी ख़ुशी, हस हस के जीने को!
तेरी जुदाई का गम काफी है, हमें मारने को ।
गमें जुदाई ना सह पाऊगा में!
तेरी याद में रो-रो मर जाऊगा में ।
तुम क्या जानो मैं कीस बेबसी से जीता हूँ !
तुम्हारी जुदाई का जहर हर रोज़ पीता हूँ ।
मेरी धड़कनो में उतरती है तू!
खयालो से हरपल गुजरती है तू!!
कीया प्यार ने जादू कुछ इस तरह!
के हर सांस में अब सवर्ती है तू ।
हमने तुमसे प्यार कीया है, कोई मजाक नही!
तुम्हारे बीना जी ना सकेंगे, मजाक नही ।
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